दोस्तों जैसा की आपको पता है 12 मार्च 2024 को केंद्र सरकार द्वारा CAA कानून को पूरे देश भर में लागू कर दिया है जिसको लेकर विपक्ष और अल्पसंख्यक मुस्लिम विरोध कर रहे हैं आईए जानते CAA कानून क्या है और इसका विरोध क्यों हो रहा हैं!
CAA ( Citizenship Amendment Act ) इस कानून के मुताबिक 31 दिसंबर 2014 से पहले Pakistan पाकिस्तान अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए सभी धार्मिक अल्पसंख्यक ( non-Muslims) जैसे की हिंदू सिख बुद्ध पारसी ईसाई इत्यादि को नागरिकता देने की बात करती है!
इस कानून को लागू होने के बाद उन तमाम लोगों को नागरिकता दिया जाएगा जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आए हैं!
क्यों हो रहा है विरध
इस कानून के लागू होने के बाद और पहले भी इसे लेकर विपक्ष और मुस्लिम समुदाय की तरफ से विरोध जताया जा रहा हालांकि इस पर विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि यह बीजेपी द्वारा अपने वोट बैंकों को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है!
इस पर बीजेपी जो कि वर्तमान में केंद्र सरकार चल रही है उसका कहना है कि इससे हमारे वोट बैंक का कोई लेना देना नही है यह बस उन तमाम लोगों के लिए है जो पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश मैं धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुआ। है!
CAA का समर्थन
ऐसा नहीं है कि CAA का सिर्फ विरोधी हो रहा है बहुत सारे लोग CAA का समर्थन भी करती है उन लोगों का कहना है कि पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान आजादी से पहले एक ही देश था और यहां के नागरिक भी एक ही था लेकिन आजादी के बाद मुस्लिम समुदाय ने अलग देश बना लिया जिसमे वहां के non-Muslims लोग वहीं रह गए जिसे बाद में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा इसके बाद काफी सारे non-Muslims ( हिंदू बुद् सिख ईसाई पारसी ) वहां से भारत आ गए!
विपक्ष की राय
इस पर विपक्ष का कहना है कि अगर इतने सारे लोग भारत में नागरिकता प्राप्त करते हैं तो उसके जब स्वास्थ्य पढ़ाई लिखाई में जो खर्चा आएगा उसका क्या होगा!
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि जब बात वर्मा बांग्लादेश और म्यांमार से आए हुए मुस्लिम समुदाय की होती है तो यही विपक्ष उसे नागरिकता देने की बात करती है !
इस पर सरकार का कहना है कि यह विपक्ष की दोहरा चरित्र को दर्शाती है!
इन सब मामलों में आपकी क्या राय है नीचे कमेंट में जरूर लिखें