शेयर मार्केट में अब वो होने जा रहा है जो कभी नहीं हुआ निवेशकों के लिए ट्रेडिंग अब और आसान होने जा रही है इसके लिए SEBI ने कुछ अहम फैसले लिए हैं कोन है ये फैसले आईए जानते है इस आर्टिकल में!
सबसे जरूरी फैसला जो SEBI ने दी है वो है T+0 Settlement जानकारी के अनुसार शेयर मार्केट रेगुलेटरी SEBI ने 28 मार्च से ऑप्शन बेसिस पर T+0 Settlement के बीटा वर्जन को लागू करने की अनुमति दी है
शुक्रवार को बोर्ड की मीटिंग के बाद SEBI ने कहा है कि बोर्ड ने 25 शेयर के सीमित सेट के लिए और ब्रोकर के लिए सीमित सेट के लिए T+0 Settlement के बीटा वर्जन को लॉन्च करने का फैसला किया है
SEBI ने कहा पहले 3 से 6 महीने की प्रोगेस देखी जाएगी जिसके बाद T+0 Settlement सिस्टम पर आगे फैसला होगा
आसान भाषा मे कहे तो T+0 का मतलब शेयर की खरीदारी और बिक्री का Settlement एक ही दिन में हो जाएगा
फिलहाल भारतीय शेयर मार्केट में T+1 Settlement Cycle पर काम होता है इसका मतलब है की ऑर्डर के अग्जिकियुट होने के 24 घंटे के बाद ही फंड आपके अकाउंट में आता है ! लेकिन T+0 Settlement निवेशकों के लिए और ज्यादा फायदेमंद होगा क्योंकि इसमें Settlement का काम और तेज रफ्तार से हो जायेगा
हालाकि SEBI ने T+0 Settlement को दो फेज में लागु करने का प्रस्ताव दिया था
T+0 Settlement के पहले फेज में सेम डे Settlement लागू किया जायेगा जिसके बाद खरीदार को उसी दिन शेयर अलॉटमेंट और बेचने वाले को उसी दिन फंड मिल जायेगा
मतलब ट्रेडिंग डे पर 1:30 बजे शेयर का कारोबार करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उसका Settlement हो जाएगा
वही दूसरे फेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक ओक्सनल इमिजित ट्रेड बाय ट्रेड की सुविधा दी जाएगी
तो ये बात हुई ट्रेडिंग पैटर्न पर हुए बारे बदलाव की लेकिन अब SEBI ने और क्या बड़े फैसले लिए है वो भी जान लीजिए
घरेलू निवेशकों के अलावा SEBI ने ट्रेड करने में आसानी लाने के लिए फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर यानी ( FPI ) के लिए एक छूट की अनुमति दी है इज ऑफ़ डूइंग के तहत जिस FPI का 50% से ज्यादा इंडियन इन्वेस्टमेंट किसी एक कॉरपोरेट में है उनके लिए एडिसनल डिस्क्लोजर में छूट दी जाएगी
इसके अलावा IPO लाने से जुड़े नियम में भी बदलाव की मंजूरी दी है
जैसे IPO के इश्यू साईज का 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट के रखने की शर्त हटा दिया है इसके साथ ही मिनिमम प्रमोटर कंट्रीब्यूसन तय करने के नियम में छूट दी गई है ! जिसमे बिना प्रोटर टैग के प्रमोटर कंट्रीब्यूसन का मोका मिलेगा
कुल मिलाकर रेगुलेटर SEBI ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ बड़े फैसले लिए हैं जिसमे T+0 Settlement निवेशकों को काफी फायदा देने वाला हो सकता है
आपका इस मामले में क्या राय है नीचे कमेंट में जरूर बताए